अब तो मिल जाओ हमें तुम कि तुम्हारी ख़ातिर
इतनी दूर आ गए दुनिया से किनारा करते
उबैदुल्लाह अलीम
टैग:
| Iltija |
| 2 लाइन शायरी |
आधी से ज़ियादा शब-ए-ग़म काट चुका हूँ
अब भी अगर आ जाओ तो ये रात बड़ी है
साक़िब लखनवी