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Iltija शायरी | शाही शायरी

Iltija

16 शेर

अब तो मिल जाओ हमें तुम कि तुम्हारी ख़ातिर
इतनी दूर आ गए दुनिया से किनारा करते

उबैदुल्लाह अलीम




आधी से ज़ियादा शब-ए-ग़म काट चुका हूँ
अब भी अगर आ जाओ तो ये रात बड़ी है

साक़िब लखनवी