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विपुल कुमार शायरी | शाही शायरी

विपुल कुमार शेर

20 शेर

बदन में आग है रोग़न मिरे ख़याल में है
जुदा ही रह अभी ख़तरा बहुत विसाल में है

विपुल कुमार




बचा के आँख बिछड़ जाएँ उस से चुपके से
अभी तो अपनी तरफ़ ध्यान भी ज़ियादा नहीं

विपुल कुमार