EN اردو
सलीम अंसारी शायरी | शाही शायरी

सलीम अंसारी शेर

11 शेर

सूरज डूबा और फिर उतरे काले साए
पेड़ों की आवाज़ पर पंछी वापस आए

सलीम अंसारी




यादों के सरमाए पर ख़ुद से माँगूँ ब्याज
यूँ अपनी तंहाई का जश्न मनाऊँ आज

सलीम अंसारी