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प्रेम कुमार नज़र शायरी | शाही शायरी

प्रेम कुमार नज़र शेर

11 शेर

रख दी है उस ने खोल के ख़ुद जिस्म की किताब
सादा वरक़ पे ले कोई मंज़र उतार दे

प्रेम कुमार नज़र




उसी के ज़िक्र से हम शहर में हुए बदनाम
वो एक शख़्स कि जिस से हमारी बोल न चाल

प्रेम कुमार नज़र