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परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़ शायरी | शाही शायरी

परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़ शेर

38 शेर

जुनूँ होता है छा जाती है हैरत
कमाल-ए-अक़्ल इक दीवाना-पन है

परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़




कभी न जाएगा आशिक़ से देख-भाल का रोग
पिलाओ लाख उसे बद-मज़ा दवा-ए-फ़िराक़

परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़