दिलों के बीच की दीवार गिर भी सकती थी
किसी ने काम लिया ही नहीं तदब्बुर से
नुसरत ग्वालियारी
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
ढूँडने वाले ग़लत-फ़हमी मैं थे
वो अना के साथ अपने सुर में था
नुसरत ग्वालियारी
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
बोलते रहते हैं नुक़ूश उस के
फिर भी वो शख़्स कम-सुख़न है बहुत
नुसरत ग्वालियारी
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
भूल जाने का मुझे मशवरा देने वाले
याद ख़ुद को भी न मैं आऊँ कुछ ऐसा कर दे
नुसरत ग्वालियारी
टैग:
| 2 लाइन शायरी |