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नोशी गिलानी शायरी | शाही शायरी

नोशी गिलानी शेर

12 शेर

उसे लाख दिल से पुकार लो उसे देख लो
कोई एक हर्फ़ जवाब में नहीं आएगा

नोशी गिलानी




ये आरज़ू थी कि हम उस के साथ साथ चलें
मगर वो शख़्स तो रस्ता बदलता जाता है

नोशी गिलानी




ये सर्दियों का उदास मौसम कि धड़कनें बर्फ़ हो गई हैं
जब उन की यख़-बस्तगी परखना तमाज़तें भी शुमार करना

नोशी गिलानी