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नील अहमद शायरी | शाही शायरी

नील अहमद शेर

21 शेर

दिल की उदासियों का कोई सबब नहीं है
बस ये सबब है मेरे दिल की उदासियों का

नील अहमद




और फिर मोहब्बत में जी के मर के देखा है
लोग सोचते हैं जो हम ने कर के देखा है

नील अहमद




अपनी आँखों को नोच डाला है
तुम को पाने के ख़्वाब बुनती हैं

नील अहमद