मिरी जानिब से उन के दिल में किस शिकवे पे कीना है
वो शिकवा जो ज़बाँ पर क्या अभी दिल में नहीं आया
नातिक़ लखनवी
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
मोहब्बत-आश्ना दिल मज़हब-ओ-मिल्लत को क्या जाने
हुई रौशन जहाँ भी शम्अ परवाना वहीं आया
नातिक़ लखनवी
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
उन के लब पर ज़िक्र आया बे-हिजाबाना मेरा
मंज़िल-ए-तकमील तक पहुँचा अब अफ़्साना मेरा
नातिक़ लखनवी
टैग:
| 2 लाइन शायरी |