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नादिर लखनवी शायरी | शाही शायरी

नादिर लखनवी शेर

10 शेर

तिरी तारीफ़ हो ऐ साहिब-ए-औसाफ़ क्या मुमकिन
ज़बानों से दहानों से तकल्लुम से बयानों से

नादिर लखनवी