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मोहम्मद यूसुफ़ पापा शायरी | शाही शायरी

मोहम्मद यूसुफ़ पापा शेर

13 शेर

कहा इठला के उस ने आइए ना
यहाँ मेरे सिवा कोई नहीं है

मोहम्मद यूसुफ़ पापा




मार लाता है जूतियाँ दो चार
''जो तिरे आस्ताँ से उठता है''

मोहम्मद यूसुफ़ पापा




यहाँ जितने हैं अपने बाप के हैं
तुम्हारे बाप का कोई नहीं है

मोहम्मद यूसुफ़ पापा




ज़ुल्फ़ के पेच में लटके हुए शाएर का वजूद
थक चुका होगा उसे मिल के उतारो यारो

मोहम्मद यूसुफ़ पापा