ऐ आफ़्ताब हादी-ए-कू-ए-निगार हो
आए भला कभी तो हमारे भी काम दिन
मिर्ज़ा मोहम्मद तक़ी हवस
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ऐ आफ़्ताब हादी-ए-कू-ए-निगार हो
आए भला कभी तो हमारे भी काम दिन
मिर्ज़ा मोहम्मद तक़ी हवस