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मिर्ज़ा मोहम्मद तक़ी हवस शायरी | शाही शायरी

मिर्ज़ा मोहम्मद तक़ी हवस शेर

19 शेर

ऐ आफ़्ताब हादी-ए-कू-ए-निगार हो
आए भला कभी तो हमारे भी काम दिन

मिर्ज़ा मोहम्मद तक़ी हवस