लहू तेवर बदलता है कहाँ तक
मिरा बेटा सियाना हो तो देखूँ
खुर्शीद अकबर
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मर्सिया हूँ मैं ग़ुलामों की ख़ुश-इल्हामी का
शाह के हक़ में क़सीदा नहीं होने वाला
खुर्शीद अकबर
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