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हातिम अली मेहर शायरी | शाही शायरी

हातिम अली मेहर शेर

37 शेर

किधर का चाँद हुआ 'मेहर' के जो घर आए
तुम आज भूल पड़े किस तरफ़ किधर आए

हातिम अली मेहर