किधर का चाँद हुआ 'मेहर' के जो घर आए
तुम आज भूल पड़े किस तरफ़ किधर आए
हातिम अली मेहर
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किधर का चाँद हुआ 'मेहर' के जो घर आए
तुम आज भूल पड़े किस तरफ़ किधर आए
हातिम अली मेहर