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हसन अब्बास रज़ा शायरी | शाही शायरी

हसन अब्बास रज़ा शेर

19 शेर

धड़कती क़ुर्बतों के ख़्वाब से जागे तो जाना
ज़रा से वस्ल ने कितना अकेला कर दिया है

हसन अब्बास रज़ा