धड़कती क़ुर्बतों के ख़्वाब से जागे तो जाना
ज़रा से वस्ल ने कितना अकेला कर दिया है
हसन अब्बास रज़ा
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धड़कती क़ुर्बतों के ख़्वाब से जागे तो जाना
ज़रा से वस्ल ने कितना अकेला कर दिया है
हसन अब्बास रज़ा