सुब्ह होती है तो दफ़्तर में बदल जाता है
ये मकाँ रात को फिर घर में बदल जाता है
फ़रियाद आज़र
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सुब्ह होती है तो दफ़्तर में बदल जाता है
ये मकाँ रात को फिर घर में बदल जाता है
फ़रियाद आज़र