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दिल शाहजहाँपुरी शायरी | शाही शायरी

दिल शाहजहाँपुरी शेर

11 शेर

वक़्त-ए-रुख़्सत तसल्लियाँ दे कर
और भी तुम ने बे-क़रार किया

दिल शाहजहाँपुरी




ये भीगी रात ये ठंडा समाँ ये कैफ़-ए-बहार
ये कोई वक़्त है पहलू से उठ के जाने का

दिल शाहजहाँपुरी