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बिलक़ीस ज़फ़ीरुल हसन शायरी | शाही शायरी

बिलक़ीस ज़फ़ीरुल हसन शेर

20 शेर

बस एक जान बची थी छिड़क दी राहों पर
दिल-ए-ग़रीब ने इक एहतिमाम सादा किया

बिलक़ीस ज़फ़ीरुल हसन




अपनी तो कोई बात बनाए नहीं बनी
कुछ हम न कह सके तो कुछ उस ने नहीं सुनी

बिलक़ीस ज़फ़ीरुल हसन