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बशीरुद्दीन अहमद देहलवी शायरी | शाही शायरी

बशीरुद्दीन अहमद देहलवी शेर

12 शेर

ये छेड़ क्या है ये क्या मुझ से दिल-लगी है कोई
जगाया नींद से जागा तो फिर सुला भी दिया

बशीरुद्दीन अहमद देहलवी




ये उन का खेल तो देखो कि एक काग़ज़ पर
लिखा भी नाम मिरा और फिर मिटा भी दिया

बशीरुद्दीन अहमद देहलवी




ज़ोर से साँस जो लेता हूँ तो अक्सर शब-ए-ग़म
दिल की आवाज़ अजब दर्द भरी आती है

बशीरुद्दीन अहमद देहलवी