और कुछ देर ग़म नज़र में रख
क्या ख़बर मिल ही जाए थाह कहीं
बकुल देव
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अब के ताबीर मसअला न रहे
ये जो दुनिया है इस को ख़्वाब करो
बकुल देव
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