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अली सरदार जाफ़री शायरी | शाही शायरी

अली सरदार जाफ़री शेर

20 शेर

दिल-ओ-नज़र को अभी तक वो दे रहे हैं फ़रेब
तसव्वुरात-ए-कुहन के क़दीम बुत-ख़ाने

अली सरदार जाफ़री




दामन झटक के वादी-ए-ग़म से गुज़र गया
उठ उठ के देखती रही गर्द-ए-सफ़र मुझे

अली सरदार जाफ़री