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अहमद अशफ़ाक़ शायरी | शाही शायरी

अहमद अशफ़ाक़ शेर

11 शेर

तर्क-ए-उल्फ़त के ब'अद भी 'अश्फ़ाक़'
तेरा रहता है इंतिज़ार मुझे

अहमद अशफ़ाक़




ये अलग बात कि तज्दीद-ए-तअल्लुक़ न हुआ
पर उसे भूलना चाहूँ तो ज़माने लग जाएँ

अहमद अशफ़ाक़