तर्क-ए-उल्फ़त के ब'अद भी 'अश्फ़ाक़'
तेरा रहता है इंतिज़ार मुझे
अहमद अशफ़ाक़
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ये अलग बात कि तज्दीद-ए-तअल्लुक़ न हुआ
पर उसे भूलना चाहूँ तो ज़माने लग जाएँ
अहमद अशफ़ाक़
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