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अफ़ज़ाल नवेद शायरी | शाही शायरी

अफ़ज़ाल नवेद शेर

10 शेर

सो जाती है बस्ती तो मकाँ पिछली गली में
तन्हा खड़ा रहता है मकीनों से निकल कर

अफ़ज़ाल नवेद