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अब्दुल हफ़ीज़ नईमी शायरी | शाही शायरी

अब्दुल हफ़ीज़ नईमी शेर

10 शेर

ये हाथ राख में ख़्वाबों की डालते तो हो
मगर जो राख में शोला कोई दबा निकला

अब्दुल हफ़ीज़ नईमी