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दार्शनिक शायरी | शाही शायरी

दार्शनिक

10 शेर

मिरे फ़ुसूँ ने दिखाई है तेरे रुख़ की सहर
मिरे जुनूँ ने बनाई है तेरे ज़ुल्फ़ की शाम

मैकश अकबराबादी




बुतों को पूजने वालों को क्यूँ इल्ज़ाम देते हो
डरो उस से कि जिस ने उन को इस क़ाबिल बनाया है

मख़मूर सईदी




हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी
जिस को भी देखना हो कई बार देखना

निदा फ़ाज़ली