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पिता शायरी | शाही शायरी

पिता

9 शेर

हड्डियाँ बाप की गूदे से हुई हैं ख़ाली
कम से कम अब तो ये बेटे भी कमाने लग जाएँ

रऊफ़ ख़ैर




मैं ने हाथों से बुझाई है दहकती हुई आग
अपने बच्चे के खिलौने को बचाने के लिए

शकील जमाली