दीवार-ओ-दर सा चाहिए दीवार-ओ-दर मुझे
दीवानगी में याद नहीं अपना घर मुझे
विशाल खुल्लर
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
| 2 लाइन शायरी |
दीवार-ओ-दर सा चाहिए दीवार-ओ-दर मुझे
दीवानगी में याद नहीं अपना घर मुझे
विशाल खुल्लर
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
| 2 लाइन शायरी |
दिल जो अब शोर करता रहता है
किस क़दर बे-ज़बान था पहले
विशाल खुल्लर
टैग:
| दिल |
| 2 लाइन शायरी |
ग्रंथ इक प्रेम का पढ़ा मुझ को
और किताबों का ज्ञान रहने दे
विशाल खुल्लर
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
ग्रंथ इक प्रेम का पढ़ा मुझ को
और किताबों का ज्ञान रहने दे
विशाल खुल्लर
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
| 2 लाइन शायरी |
ग्रंथ इक प्रेम का पढ़ा मुझ को
और किताबों का ज्ञान रहने दे
विशाल खुल्लर
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
| 2 लाइन शायरी |
लुत्फ़-ए-मंज़िल हौसलों से आ लगा था गाम गाम
तू सफ़र में साथ था तो रास्ता अच्छा लगा
विशाल खुल्लर
टैग:
| 2 लाइन शायरी |