EN اردو
तिलोकचंद महरूम शायरी | शाही शायरी

तिलोकचंद महरूम शेर

19 शेर

अक़्ल को क्यूँ बताएँ इश्क़ का राज़
ग़ैर को राज़-दाँ नहीं करते

तिलोकचंद महरूम