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क़ासिम अली ख़ान अफ़रीदी शायरी | शाही शायरी

क़ासिम अली ख़ान अफ़रीदी शेर

14 शेर

नासेहा वा'ज़ जो कहता था तुझे बिन देखे
देखते ही तुझे फिर जान को खोते देखा

क़ासिम अली ख़ान अफ़रीदी




नर्गिसी चश्म दिखा कर के वो वहशत-ज़दा यार
ये गया वो गया जिस तरह ग़ज़ाल आप से आप

क़ासिम अली ख़ान अफ़रीदी




शैख़ मुझ को न डरा अपनी मुसलमानी थाम
हम फ़क़ीरों का किसी रंग से ईमान न जाए

क़ासिम अली ख़ान अफ़रीदी




शराब साक़ी-ए-कौसर से लीजो 'आफ़रीदी'
ये बादा-नोशी-ए-दुनिया है तुझ को नंग-ए-शराब

क़ासिम अली ख़ान अफ़रीदी




यार का कूचा है मस्जूद-ए-ख़लाइक़ देख ले
संग है का'बे में मूरत दैर में है मुश्तरक

क़ासिम अली ख़ान अफ़रीदी