नासेहा वा'ज़ जो कहता था तुझे बिन देखे
देखते ही तुझे फिर जान को खोते देखा
क़ासिम अली ख़ान अफ़रीदी
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नर्गिसी चश्म दिखा कर के वो वहशत-ज़दा यार
ये गया वो गया जिस तरह ग़ज़ाल आप से आप
क़ासिम अली ख़ान अफ़रीदी
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शैख़ मुझ को न डरा अपनी मुसलमानी थाम
हम फ़क़ीरों का किसी रंग से ईमान न जाए
क़ासिम अली ख़ान अफ़रीदी
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शराब साक़ी-ए-कौसर से लीजो 'आफ़रीदी'
ये बादा-नोशी-ए-दुनिया है तुझ को नंग-ए-शराब
क़ासिम अली ख़ान अफ़रीदी
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यार का कूचा है मस्जूद-ए-ख़लाइक़ देख ले
संग है का'बे में मूरत दैर में है मुश्तरक
क़ासिम अली ख़ान अफ़रीदी
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