अपने दिए को चाँद बताने के वास्ते
बस्ती का हर चराग़ बुझाना पड़ा हमें
जलील ’आली’
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अपने दिए को चाँद बताने के वास्ते
बस्ती का हर चराग़ बुझाना पड़ा हमें
जलील ’आली’