ख़ुदा से डरते तो ख़ौफ़-ए-ख़ुदा न करते हम
कि याद-ए-बुत से हरम में बुका न करते हम
ग़ुलाम मौला क़लक़
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किधर क़फ़स था कहाँ हम थे किस तरफ़ ये क़ैद
कुछ इत्तिफ़ाक़ है सय्याद आब-ओ-दाने का
ग़ुलाम मौला क़लक़
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किस लिए दावा-ए-ज़ुलेख़ाई
ग़ैर यूसुफ़ नहीं ग़ुलाम नहीं
ग़ुलाम मौला क़लक़
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कुफ़्र और इस्लाम में देखा तो नाज़ुक फ़र्क़ था
दैर में जो पाक था का'बे में वो नापाक था
ग़ुलाम मौला क़लक़
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