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बशर नवाज़ शायरी | शाही शायरी

बशर नवाज़ शेर

10 शेर

ये एहतिमाम-ए-चराग़ाँ बजा सही लेकिन
सहर तो हो नहीं सकती दिए जलाने से

बशर नवाज़