वो तिरे नसीब की बारिशें किसी और छत पे बरस गईं
दिल-ए-बे-ख़बर मिरी बात सुन उसे भूल जा उसे भूल जा
अमजद इस्लाम अमजद
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ये जो हासिल हमें हर शय की फ़रावानी है
ये भी तो अपनी जगह एक परेशानी है
अमजद इस्लाम अमजद
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