अब यहाँ कौन निकालेगा भला दूध की नहर
इश्क़ करता है तू जैसा भी है अच्छा है मियाँ
अहमद अता
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अब यहाँ कौन निकालेगा भला दूध की नहर
इश्क़ करता है तू जैसा भी है अच्छा है मियाँ
अहमद अता