EN اردو
अब्दुल वहाब यकरू शायरी | शाही शायरी

अब्दुल वहाब यकरू शेर

11 शेर

प्यासा मत जला साक़ी मुझे गर्मी सीं हिज्राँ की
शिताबी ला शराब-ए-ख़ाम हम ने दिल को भूना है

अब्दुल वहाब यकरू




रक़ीबान-ए-सियह-रू शहर-ए-देहली के मुसाहिब हैं
गंदा नाला भी जा कर मिल रहा है देख जमुना कूँ

अब्दुल वहाब यकरू