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पाणि शायरी | शाही शायरी

पाणि

16 शेर

वो जो प्यासा लगता था सैलाब-ज़दा था
पानी पानी कहते कहते डूब गया है

आनिस मुईन




क़िस्से से तिरे मेरी कहानी से ज़ियादा
पानी में है क्या और भी पानी से ज़ियादा

अबरार अहमद




ये पानी ख़ामुशी से बह रहा है
इसे देखें कि इस में डूब जाएँ

अहमद मुश्ताक़




किस ने भीगे हुए बालों से ये झटका पानी
झूम के आई घटा टूट के बरसा पानी

आरज़ू लखनवी




अगर फ़ुर्सत मिले पानी की तहरीरों को पढ़ लेना
हर इक दरिया हज़ारों साल का अफ़्साना लिखता है

बशीर बद्र




अगर ऐ नाख़ुदा तूफ़ान से लड़ने का दम-ख़म है
इधर कश्ती न ले आना यहाँ पानी बहुत कम है

दिवाकर राही




हर्फ़ अपने ही मआनी की तरह होता है
प्यास का ज़ाइक़ा पानी की तरह होता है

फ़ैसल अजमी