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हया शायरी | शाही शायरी

हया

10 शेर

ओ वस्ल में मुँह छुपाने वाले
ये भी कोई वक़्त है हया का

हसन बरेलवी




बर्क़ को अब्र के दामन में छुपा देखा है
हम ने उस शोख़ को मजबूर-ए-हया देखा है

hidden midst the clouds, lightning I did see
that sprite was today subdued by modesty

हसरत मोहानी




शुक्र पर्दे ही में उस बुत को हया ने रक्खा
वर्ना ईमान गया ही था ख़ुदा ने रक्खा

शेख़ इब्राहीम ज़ौक़