EN اردو
इदरीस बाबर शायरी | शाही शायरी

इदरीस बाबर शेर

32 शेर

हाथ दुनिया का भी है दिल की ख़राबी में बहुत
फिर भी ऐ दोस्त तिरी एक नज़र से कम है

इदरीस बाबर




हाँ ऐ गुबार-ए-आश्ना मैं भी था हम-सफ़र तिरा
पी गईं मंज़िलें तुझे खा गए रास्ते मुझे

इदरीस बाबर




दिल की इक एक ख़राबी का सबब जानते हैं
फिर भी मुमकिन है कि हम तुम से मुरव्वत कर जाएँ

इदरीस बाबर




धूल उड़ती है तो याद आता है कुछ
मिलता-जुलता था लिबादा मेरा

इदरीस बाबर




दर्द का दिल का शाम का बज़्म का मय का जाम का
रंग बदल बदल गया एक नज़र के साथ साथ

इदरीस बाबर