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ग़ालिब शायरी | शाही शायरी

ग़ालिब

8 शेर

'अरीब' देखो न इतराओ चंद शेरों पर
ग़ज़ल वो फ़न है कि 'ग़ालिब' को तुम सलाम करो

सुलैमान अरीब