गया था माँगने ख़ुशबू मैं फूल से लेकिन
फटे लिबास में वो भी गदा लगा मुझ को
आनिस मुईन
आज ज़रा सी देर को अपने अंदर झाँक कर देखा था
आज मिरा और इक वहशी का साथ रहा पल दो पल का
आनिस मुईन
गए ज़माने की चाप जिन को समझ रहे हो
वो आने वाले उदास लम्हों की सिसकियाँ हैं
आनिस मुईन
दरकार तहफ़्फ़ुज़ है प साँस भी लेना है
दीवार बनाओ तो दीवार में दर रखना
आनिस मुईन
बिखर के फूल फ़ज़ाओं में बास छोड़ गया
तमाम रंग यहीं आस-पास छोड़ गया
आनिस मुईन
बदन की अंधी गली तो जा-ए-अमान ठहरी
मैं अपने अंदर की रौशनी से डरा हुआ हूँ
आनिस मुईन
अंजाम को पहुँचूँगा मैं अंजाम से पहले
ख़ुद मेरी कहानी भी सुनाएगा कोई और
आनिस मुईन
अंदर की दुनिया से रब्त बढ़ाओ 'आनिस'
बाहर खुलने वाली खिड़की बंद पड़ी है
आनिस मुईन
अजब अंदाज़ से ये घर गिरा है
मिरा मलबा मिरे ऊपर गिरा है
आनिस मुईन