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हुस्न की फ़ितरत में दिल-आज़ारियाँ | शाही शायरी
husn ki fitrat mein dil-azariyan

ग़ज़ल

हुस्न की फ़ितरत में दिल-आज़ारियाँ

आले रज़ा रज़ा

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हुस्न की फ़ितरत में दिल-आज़ारियाँ
उस पे ज़ालिम नित-नई तैयारियाँ

मुत्तसिल तिफ़्ली से आग़ाज़-ए-शबाब
ख़्वाब के आग़ोश में बेदारियाँ

सोच कर उन की गली में जाए कौन
बे-इरादा होती हैं तैयारियाँ

दर्द-ए-दिल और जान-लेवा पुर्सिशें
एक बीमारी की सौ बीमारियाँ

और दीवाने को दीवाना बनाओ
अल्लाह अल्लाह इतनी ख़ातिर-दारियाँ

बंध रहा है ऐ 'रज़ा' रख़्त-ए-सफ़र
हो रही हैं कूच की तैयारियाँ