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ऐसा लगता है कि कर देगा अब आज़ाद मुझे | शाही शायरी
aisa lagta hai ki kar dega ab aazad mujhe

ग़ज़ल

ऐसा लगता है कि कर देगा अब आज़ाद मुझे

मुनव्वर राना

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ऐसा लगता है कि कर देगा अब आज़ाद मुझे
मेरी मर्ज़ी से उड़ाने लगा सय्याद मुझे

मैं हूँ सरहद पे बने एक मकाँ की सूरत
कब तलक देखिए रखता है वो आबाद मुझे

एक क़िस्से की तरह वो तो मुझे भूल गया
इक कहानी की तरह वो है मगर याद मुझे

कम से कम ये तो बता दे कि किधर जाएगी
कर के ऐ ख़ाना-ख़राबी मिरी बर्बाद मुझे

मैं समझ जाता हूँ इस में कोई कमज़ोरी है
मेरे जिस शे'र पे मिलती है बहुत दाद मुझे