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लईक़ आजिज़ शायरी | शाही शायरी

लईक़ आजिज़ शेर

11 शेर

तर्क-ए-जाम-ओ-सुबू न कर पाए
इस लिए हम वज़ू न कर पाए

लईक़ आजिज़




वो धूप थी कि ज़मीं जल के राख हो जाती
बरस के अब के बड़ा काम कर गया पानी

लईक़ आजिज़