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अब्दुल अज़ीज़ ख़ालिद शायरी | शाही शायरी

अब्दुल अज़ीज़ ख़ालिद शेर

1 शेर

हर बात है 'ख़ालिद' की ज़माने से निराली
बाशिंदा है शायद किसी दुनिया-ए-दिगर का

अब्दुल अज़ीज़ ख़ालिद