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आरिफ़ुद्दीन आजिज़ शायरी | शाही शायरी

आरिफ़ुद्दीन आजिज़ शेर

1 शेर

देख दामन-गीर महशर में तिरे होवेंगे हम
ख़ूँ हमारा अपने दामन से न ऐ क़ातिल छुड़ा

आरिफ़ुद्दीन आजिज़